आये जानते है छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के बारे में , मैनपाट एक छोटा सा गांव है जिसे प्रकृति ने बेहद खूबसूरती से नवाजा है। हरे-भरे मैदान, खूबसूरत झरने और आश्चर्यजनक प्राकृतिक स्थल मैनपाट को अद्वितीय बनाते हैं। यह सरगुजा जिले के विंध्यवासिनी पर्वत पर स्थित है, जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग साढ़े तीन हजार फीट है। यहां कई पर्यटन स्थल हैं जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कम तापमान और सर्दियों में बर्फबारी की वजह से इसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है।
मैनपाट को छोटा तिब्बत भी कहा जाता है क्योंकि 1965 में भारत-चीन युद्ध के बाद तिब्बतियों को यहां शरणार्थी के रूप में बसाया गया था। इसलिए इसे मैनपाट कोटा वृद्धि भी कहते हैं। मैनपाट में घूमने के लिए बहुत कुछ है और यहां कई मनोरम स्थल हैं। अगर आप कभी मैनपाट आएं, तो इन खास जगहों को देखना न भूलें:
- टाइगर पॉइंट: यह जगह अपने झरनों और बंदरों के लिए प्रसिद्ध है। महादेव मोड नदी यहां लगभग 60 मीटर की ऊंचाई से गिरती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, पहले यहां जंगल में बाघ दिखाई देते थे, इसलिए इसका नाम टाइगर पॉइंट पड़ा।
- जलजली पॉइंट: यहां की जमीन बिना भूकंप के भी हिलती है। अगर आप यहां उछलते हैं, तो जमीन भी हिलती है। यह प्राकृतिक करिश्मा देखने लायक है।
- उल्टा पानी: इस जगह का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पानी का बहाव ऊंचाई की तरफ होता है। सड़क पर खड़ी न्यूट्रल गाड़ी भी पहाड़ी की ओर खिंच जाती है।
- जलपरी पॉइंट: यह सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है, जो लगभग 80 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। घने जंगलों के बीच स्थित इस झरने तक पहुंचने के लिए आपको पैदल चलना होगा। जलपरी पॉइंट के मनोरम दृश्य सैलानियों को आकर्षित करते हैं।
- मैनपाट कार्निवाल: इस महोत्सव की शुरुआत 2012 में हुई थी। हर साल फरवरी में आयोजित इस उत्सव में स्कूल-कॉलेज के छात्र, स्थानीय कलाकार और छत्तीसगढ़ के कलाकार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
दोस्तों, मैनपाट का सफर रोमांचक है। अगर आप इस जगह का दौरा करना चाहते हैं, तो साल के किसी भी महीने आ सकते हैं, लेकिन बारिश और ठंड के मौसम में इसकी खूबसूरती अपने चरम पर होती है। अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का मजा लेना चाहते हैं, तो मैनपाट कार्निवाल के दौरान जरूर आएं।
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